Swachhata Bhi Jaruri Hai – स्वच्छता से जुडी एक शिक्षाप्रद कहानी जरुर पढ़े !

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Swachhata Bhi Jaruri Hai
Swachhata Bhi Jaruri Hai

दोस्तों “स्वच्छ भारत अभियान” इसके बारे में आपने तो जरुर ही सुना होगा लेकिन क्या सच में आपने इस कथन का कभी पालन किया है शायद नही| महात्मा गाँधी जिन्होंने स्वच्छता को सर्वोपरि समझा और स्वच्छ भारत का सपना देखा| हर व्यक्ति अगर अपनी जिम्मेदारी को समझ ले तो सारा देश ही स्वच्छ हो जायेगा| तो चलिए आज की अपनी कहानी की तरफ बढ़ते है तो आज की हमारी कहानी भी स्वच्छता पर ही आधारित है Swachhata Bhi Jaruri Hai

तो आज की कहानी एक किसान और उसके बेटे की है| इस कहानी के माध्यम से मैं केवल यह संदेश देना चाहता हूँ की हमें हमेशा ही अपनी और अपने आस पास की साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए जिससे हमे एक स्वस्थ वातावरण मिले और सभी लोग निरोग रहे तो चलिए कहानी की और बढ़ते है :-

Swachhata Bhi Jaruri Hai – स्वच्छता से जुडी एक शिक्षाप्रद कहानी जरुर पढ़े !

एक किसान ने एक बिल्ली पाल रखी थी ,उसके शरीर पर सफ़ेद सफ़ेद कोमल बाल थे| वह किसान की खाट पर ही हर रोज रात को किसान के साथ उसी खाट पर उसके पैरो के पास सो जाया करती थी| किसान जब भी घर से लौटकर खेत पर आता वह दौड़कर उसके पास जाती और उसके पैरो से अपने शरीर को रगडती थी|

साथ ही साथ म्यायुं म्यायुं करके अपने प्यार को दिखाती थी| किसान रोज घर से आते वक्त उसके लिए थोडा सा दूध और रोटी उसके लिए लाता था और उसे बड़े प्यार से खिलाता था | Swachhata Bhi Jaruri Hai

एक दिन किसान के लड़के ने किसान से कहा – ‘पिता जी ! आज रात को मैं आपके साथ सोऊंगा|’

किसान बोला -‘नहीं ! तुम्हे अलग खाट पर सोना चाहिए |’ किसान ले लड़के ने फिर से सवाल किया “आप उस बिल्ली को अपने पास सुला सकते हो लेकिन मुझे क्यों नहीं ?’  

जवाब में किसान ने कहा – ‘तुम्हे एस समय खुजली हुई है ! तुम्हारे साथ सोने से मुझे भी खुजली हो सकती है’पहले तुम अपनी खुजली ठीक होने दो|’
किसान का लड़का खुजली से बहुत परेशान था| उसके पुरे शरीर में छोटे छोटे फोड़े जैसे हो रहे थे | खाज के मरे वह बहुत ज्यादा बेचैन रहता था| उसने अपने पिता जी से कहा- ‘ पिता जी यह खुजली मुझे ही क्यों हुई,इस बिल्ली को क्यूँ नही ?’

किसान ने उत्तर देते हुए कहा -‘इसका जवाब मैं तुम्हे कल सुबह दूंगा,अभी तुम सो जाओ|’

दुसरे दिन किसान ने बिल्ली को कुछ अधिक दूध और रोटी दी,;लेकिन जब बिल्ली का पेट भर गया तो वह दूध छोडकर दूर बैठ गयी और अपने अपिर को चाटकर अपने मुँह पर फिराने लगी| Swachhata Bhi Jaruri Hai

किसान ने अपने लड़के को वहाँ बुलाया और बोला – ‘देखो ! बिल्ली कैसे अपना मुँह धो रही है| यह इसी प्रकार से अपने पुरे शरीर को स्वच्छ रखती है|इसलिए इसे खुजली नही होती| लेकिन तुम अपने शरीर और कपड़ो को मैला रखते हो,इसी कारण से तुम्हे खुजली हुई है|  

मैल में एक प्रकार का विष होता है| वह पसीने के साथ जब शरीर में लगता है और भीतर जाता है तब खुजली,खाज,फोड़े और कई प्रकार की अन्य तरह की बीमारियाँ उत्पन्न होती है|’  

लड़के को सारी बात समझ आ गई और वह अपने पिता जी से बोला-‘पिता जी मैं आज से ही अपने सभी कपडे गरम पानी से धोऊंगा और हर रोज रगड रगड के नहाऊंगा| तो क्या इससे मेरी खुजली दूर हो जाएगी|’

किसान ने कहा – ‘बेटा शरीर के साथ साथ पेट को भी स्वच्छ रखना चाहिए,जिस प्रकार से पेट भरने के बाद बिल्ली ने बचा हुआ दूध छोड़ दिया| उसी प्रकार से पेट भरने के बाद फिर नही खाना चाहिए| साथ ऐसी वस्तुएं भी नही खानी चाहिए जिससे पेट में गड़बड़ी हो जैसे मिर्च,खटाई,बाजार की चाट पकौड़ी, अधिक मिठाइयाँ इसके अलावा चाय पिने से भी पेट में गड़बड़ी होती है| जिसकी वजह से पेट साफ नही होता | Swachhata Bhi Jaruri Hai

जो लोग बिना भूख के जीभ के स्वाद के लिए ज्यादा खाना खा लेते है उन्हें खुजली ही क्यों और भी तरह तरह की बीमारियाँ हो जाती है| पेट साफ रखने के लिए चोकर मिला आता,हरी पत्तेदार सब्जियां और मौसमी फल अधिक खाने चाहिए |  

किसान के लडके ने उसी दिन से अपने कपड़ो को स्वच्छ रखना शुरू कर दिया और अपने खाने पर भी नियंत्रण रख लिया | अब वह रोज रगड़ रगड़कर नहाता था,और इस बात पर भी ख़ास रखता था कि ज्यादा न खाय तथा कोई ऐसी वस्तु न खाय,जिससे पेट में गड़बड़ी हो जाए|  Swachhata Bhi Jaruri Hai

उसके इस तरह ध्यान देने से उसकी खुजली अच्छी हो गयी,अब वह चुस्त,दुरुस्त और बलवान हो गया| उसके पिता और दुसरे लोग भी अब उसे बड़े प्रेम से अपने पास बैठाते थे और उससे काफी अच्छे व्यवहार से बात करते थे|

शिक्षा :- हमे स्वच्छता का हमेशा ध्यान रखना चाहिए,स्वच्छता ही सबसे बड़ा धन है|

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