कैसे हो दोस्तों? आशा करता हूँ सब अच्छे होंगे वैसे तो आज की कहानी के बारे में ज्यादातर लोग जानते होंगे और इस कहानी को पहले भी सुना होगा तो अगर आज की कहानी के शीर्षक की बात करूँ तो वह Neela Siyar या फिर Neele Siyar ki Kahani. इस कहानी को कई अलग अलग शीर्षकों से भी जाना जाता है जिसमे इसे रंगा सियार या फिर रंगे सियार की कहानी का भी नाम दिया जाता है।
Neele Siyar Ki Kahani – नीले सियार की कहानी
एक जंगल मे एक सियार का झुंड रहता था वह अकसर ही झुंड में रहकर दूसरे कमजोर जानवरो का शिकार किया करते थे। उन सभी सियारो में से एक ऐसा सियार था जो बहुत आलसी था।
वह कभी शिकार के लिए अपने साथियों के साथ नही जाता था और न ही उनकी मदद करता था लेकिन शिकार हुए जानवर को खाने में हिस्सा जरूर लगा लेता था। Neele Siyar Ki Kahani
धीरे-धीरे इस तरह काफी समय बीत गया और अब उसके झुंड के सभी सियारो ने मिलकर उसे झुंड से निकालने का निर्णय ले लिया, सभी ने मिलकर फैसला लिया और उस आलसी सियार को झुंड से बाहर निकाल दिया।
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बेचारा सियार अब बिल्कुल अकेला हो गया था अब उसके पास खाने का भी कोई साधन नही था Neele Siyar Ki Kahani उसे ठीक से शिकार करना भी नही आता था।
खाने की तलाश में चलते चलते वह एक नगर के पास पहुंचा, उसने सोचा शायद नगर में ही कुछ खाने को मिल जाये यह सोचकर वह नगर में गया।
नगर में कुछ देर इधर उधर ढूंढने के बाद भी उसे कुछ नही मिला बल्कि उसे नगर के कुत्तो ने देख लिया तो उसका पीछा करने लगे। बेचारा भागते भागते एक बड़े से टैंक में छिप गया।
वह टैंक धोबी घाट था जहां टैंक में कपड़ो को रंगने के लिए रंग घोला गया था। जब माहौल कुछ शांत हुआ तो वह बाहर निकला और जंगल की तरफ जाने लगा।
Neele Siyar Ki Kahani जंगल मे जाते समय उसे प्यास लगी तो उसने नदी से पानी पीने के लिए नदी की तरफ अपने कदम बढ़ाए। नदी में पानी पीने को उसने जैसे ही मुँह डाला वह अपनी परछाई देख डर गया।
उसे पानी मे एक नीला जानवर दिख रहा था क्योंकि रात जिस टैंक में वह छिपा था, वह नीले रंग से कपड़ो को रंगने के लिए तैयार किया गया था।
अब अपने नीले रंग को देखकर उसे एक युक्ति सूझी। वह जंगल मे गया और जोर से चिल्लाया सुनो सुनो सुनो…. जंगल के वासियो सुनो।
आज से इस जंगल का राजा मैं हूँ, मुझे इंद्र भगवान ने भेजा है तुम लोगो की रक्षा के लिए इस जंगल मे सूखा पड़ने वाला है जिससे बचने के लिए इंद्र देव ने मुझे यहां भेजा है। जब तक मैं यहां रहूंगा कोई सूखा नही पड़ेगा।
बेचारे जानवर उसकी बातों में आ गए और वह मजे से रहने लगा। वह अब जानवरो पर अपना हुकुम चलाता था। वह उनसे खाने के लिए तरह तरह की चीज़ें मंगाता और उनसे अपने पैर दबवाता। Neele Siyar Ki Kahani
सभी जानवर उसकी हरकतों से परेशान हो चुके थे लेकिन बेचारे कुछ नही कर सकते थे। सियार के झुंड में एक सरदार भी था। वह बोला देखने मे मुझे यह अपने जैसा लगता है लेकिन कहता है मुझे इंद्र देव ने भेजा है।
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क्यों न हम इसकी परीक्षा ले कि आखिर यह कौन है? सबने सलाह की और जंगल के राजा शेर को सारी बात बताई।
शेर ने कहा- “ठीक है ! जैसा ठीक समझो करो लेकिन यह पता करो कि यह कौन है?
रोज की तरह फिर सभा लगी नीले सियार के लिए तरह तरह के भोजन लाकर रखे गये। सियार खा ही रहा था। तभी उसे सियार की चिल्लाने की आवाजें आने लगी।
अब था तो वह भी सियार ही, उसने अपने आपको बहुत रोका लेकिन वह ज़्यादा देर चुप न रह सका और जोर जोर से मुँह आसमान की तरफ करके चिल्लाने लगा।
Neele Siyar Ki Kahani उसके चिल्लाने भर से सभी जानवर उसकी हकीकत को समझ गए, तभी जंगल के राजा शेर ने उसपर झपट कर एक ही बार में सियार को फाड़ दिया और बेचारा सियार अपनी बेवकूफी की वजह से मारा गया।