Murkh Gadhe ki Kahani – मुर्ख गधे की कहानी – Panchatantra Story

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Murkh Gadhe ki Kahani - Panchtantra Story
Murkh Gadhe ki Kahani - Panchtantra Story

दोस्तों आज मैं आपके लिए पंचतंत्र की एक नई कहानी लेकर आया हूँ जिसमे आज मै आपको बताऊंगा एक मुर्ख गधे की कहानी Murkh Gadhe ki Kahani – Panchatantra Story जिसमे एक गीदड़ एक गधे को बहला फुसलाकर उसे शेर के पास ले जाता है और शेर उसे मर देता है अंत में दोनों मिलकर उसे खा जाते है तो आखिर क्या कहकर गीदड़ उस गधे को अपने साथ ले जाता है आइये जानते है :-

Murkh Gadhe ki Kahani – मुर्ख गधे की कहानी – Panchatantra Story

शेर और गीदड़ की बड़ी पुरानी दोस्ती थी ,गीदड़ को अपना मंत्री बना रखा था। गीदड़ बड़ा चालाक जानवर है वह रोज अपने राजा शेर को बहुत खुश रखता था और शेर के मारे हुए शिकार से उसका पेट भर जाता था वह बड़ी मौज से अपनी जिंदगी काट रहा था।

एक बार शेर की एक जंगली हाथी से भिड़ंत हो गई बड़ा भयानक युद्ध हुआ हाथी जख्मी होकर भाग गया किंतु शेर को भी बहुत लहूलुहान कर दिया था। शेर जैसे तैसे घायल अवस्था में शेर अपनी गुफा तक पहुंचा। शेर इतना घायल हो चुका था कि उसके तो सामने भोजन के भी लाले पड़ गए वह गुफा में भूखा प्यासा पड़ा रहता था,जख्मी होने के कारण वह भोजन की तलाश में जंगल में भी नहीं जा सकता था। शेर के भूखों मरने की नौबत आती जा रही थी।

दिन शेर ने गीदड़ को बुलाया और उससे कहा- ” गीदड़ कोई युक्ति ऐसी बनाओ कि हमारे लिए भोजन का प्रबंध सुविधा पूर्वक हो जाए, किसी भोले भाले जानवर को बहला-फुसलाकर ले आओ ताकि मेरी भूख की आग शांत हो सके।”

गीदड़ ने शेर की हां में हां करते हुए कहा-” जैसी आपकी आज्ञा महाराज ! मैं तो स्वयं ही आपके लिए भोजन का प्रबंध करने के विचार से जंगल की ओर जा ही रहा था।”  ऐसा कहकर गीदड़ जंगल से किसी जानवर की तलाश में निकल पड़ा।

दूर खेत में उसे एक मोटा ताजा गधा दिखाई दिया गीदड़ उसके पास पहुंचा। गधा बड़े मजे से मक्का खा रहा था, गीदड़ ने उसके पास पहुंच कर एक नाटक शुरु कर दिया। Murkh Gadhe ki Kahani – Panchatantra Story

उसने कहा – “गधे भाई!  कैसे हो तुम्हारी जिंदगी कैसी चल रही है|  मैं अपनी बात करूं तो मैं तो बड़े मौज से रहता हूं पेट भर खाने को मिलता है। लेकिन एक तुम हो जो पूरा दिन बोझा ढोते हो और अपनी जिंदगी खराब कर रहे हो। बूढा होने पर तुम्हारा मालिक तुम को घर से निकाल देगा और फिर तुम्हारा बुढ़ापा काटना कठिन हो जाएगा। मेरे साथ मित्रता कर लो दोनों मौज से रहेंगे।

गधे को यह योजना बड़ी पसंद आई और वह गीदड़ से मित्रता करके उसके साथ जंगल की ओर चल दिया, दोनों बातें करते घूमते घूमते जंगल में पहुंच गए जहाँ शेर अपनी गुफा में बैठ कर उनकी प्रतीक्षा कर रहा था।

शेर ने दूर से गीदड़ के साथ गधे को आते हुए देखा तो बड़ा खुश हुआ और तुरंत गुफा से बाहर आ गया, भूख के मारे उसका बहुत बुरा हाल था इसलिए प्रतीक्षा नहीं कर सका और तुरंत गधे पर तेजी से झपटा।  शेर को अपनी तरफ आते हुए गधे ने देखा तो दुम दबाकर गधा तेजी से जंगल से भाग निकला|

Panchatantra Story गधे को भागता देख गीदड़ ने उसे रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन गधा अपनी जान बचाकर भाग निकला।  जख्मी होने के कारण शेर गधे के पीछे भाग नहीं सका। इधर गीदड़ ने शेर से जाकर कहा-” महाराज!  इतनी युक्ति लगाकर मैं गधे को बहला-फुसलाकर लाया था,आपने जरा भी प्रतीक्षा नहीं की और वह डर कर भाग गया।”

शेर ने गीदड़ से कहा- ” मैं भूख से बहुत व्याकुल हूं,गधे को पास आता देख मेरे पेट की आग पर मेरा काबू नहीं रहा| असल में मैं उस समय तैयार नहीं था।  भूख से व्याकुल होकर मैंने अपना संयम खो दिया था।”

अब तुम किसी भी तरह उसे वापस ले आओ, मैं पहले से ही गुफा में छुप कर तैयार रहूंगा बस जैसे ही वह गुफा के करीब आएगा मैं उसे दबोच लूंगा इस बार कोई भी जल्दबाजी नहीं करूंगा।

गीदड़ दूसरे दिन जैसे ही गधे के पास पहुंचा गधे ने गीदड़ को देख कर मुंह फेर लिया। गधे को ऐसा करते देख गीदड़ ने कहा – ” गधे भैया! ऐसा प्रतीत होता है कि तुम मुझसे नाराज हो। की बात को अनसुना कर गधे ने उससे सीधे मुंह बात करना उचित नहीं समझा और पीठ घुमा कर खड़ा हो गया। Murkh Gadhe ki Kahani 

तब गीदड़ ने उससे फिर कहा-” गधे  भैया!  मैं तो तुम्हारी शादी के लिए खबर लेकर आया हूं,उस दिन जो भी हुआ उसे भूल जाओ मुझे नहीं पता था कि गुफा के पास शेर रहता है।

उस दिन तुम्हें एक सुंदर गधी ने देखा था और वह तुमसे शादी करने के लिए हठ कर बैठी है, गधी तुम्हारी प्रतीक्षा में बैठी है | वह तुम्हारा स्वागत करने के लिए व्याकुल है। उसने प्रण किया है शादी करेगी तो सिर्फ तुमसे।  मैं उसे आश्वस्त कर के आया हूं कि मैं अपने मित्र को यहां जरूर लेकर आऊंगा और तुम दोनों की शादी अवश्य कराऊंगा।

गीदड़ की मीठी मीठी बातें सुनकर गधा बहुत खुश हुआ और उसके साथ चल दिया दोनों बड़ी तेजी से गुफा की तरफ चल रहे थे, उधर शेर गुफा हुए गीदड़ और गधे के आने की प्रतीक्षा कर रहा था। जैसे ही गधा गुफा में दाखिल हुआ गुफा में पहले से छिपा हुआ शेर गधे के ऊपर जोर से झपटा और गधे की हत्या करके अपने भोजन का प्रबंध कर लिया अंत में दोनों ने मिलकर गधे का मांस खाया। Panchatantra Story

शिक्षा : मुर्ख गधे की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है बिना किसी पक्की जान पहचान के किसी पर भी भरोसा नहीं करना चाहिए।

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