Mehnat ka Phal in Hindi – मेहनत करने से हुआ अनोखा फायदा

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Mehnat ka Phal in Hindi 
Mehnat ka Phal in Hindi 

बड़े बुजुर्गो का कहना है कि मेहनत करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी असफल नही होता है। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए आज की हमारी कहानी का शीर्षक भी यही है Mehnat ka Phal in Hindi – मेहनत करने से हुआ फायदा जाने कैसे? 

आज की हमारी कहानी के अनुसार कहानी में दो व्यक्ति है, पहला व्यक्ति धनी होता है लेकिन बहुत आलसी होता है और अपने आलस के चलते हुए अपने पास पर्याप्त धन को वह खो देता है। वही दूसरी तरफ दूसरा व्यक्ति गरीब होता है लेकिन अपनी मेहनत के दम पर वह अमीर हो जाता है। यह उसकी Mehnat ka Phal in Hindi  ही है जो वह अमीर हो जाता है आखिर क्या है पूरी कहानी चलिए विस्तार से जानते है:-

Mehnat ka Phal in Hindi – मेहनत करने से हुआ फायदा जाने कैसे

एक गाँव में एक धनी मनुष्य रहता था। उसका नाम भैरोमल था। भैरोमल के पास बहुत खेत थे। उसने बहुत से नौकर और मजदूर रखे हुए थे। भैरोमल बहुत सुस्त और आलसी था। वह कभी अपने खेतों को देखने नहीं जाता था। अपने मजदूर और नौकरों को भेजकर ही वह काम कराता था।

मजदूर और बाकी नौकर मनमाना काम करते थे। वे लोग खेत पर तो थोड़ी देर काम करते थे, बाकी घर बैठे रहते, इधर – उधर घूमते या गप्पें उड़ाया करते थे। खेत न तो ठीक से जोते जाते थे, न सींचे जाते थे और न उनमें ठीक खाद ही पड़ती थी। Mehnat ka Phal in Hindi 

खेतों में बीज भी ठीक से नहीं पड़ते थे और उनकी घास तो कोई निकालता ही नहीं था। इसका फल यह हुआ कि उपज धीरे – धीरे घटने लगी। थोड़े दिनों में भैरोमल गरीब होने लगा।

उसी गाँव में रामप्रसाद नामक एक दूसरा किसान था। उसके पास खेत नहीं थे। वह भैरोमल के ही कुछ खेत लेकर खेती करता था, किंतु था बहुत परिश्रमी।

अपने मजदूरों के साथ वह खेत पर जाता था, डटकर परिश्रम करता था। उसके खेत भली प्रकार जोते और सींचे जाते थे। अच्छी खाद पड़ती थी। घास निकाली जाती थी और बीज भी समय पर बोये जाते थे ।

उसके घर के लोग भी खेत पर काम करते थे। Mehnat ka Phal in Hindi  उसके खेत में उपज अच्छी होती थी। लगान देकर और खर्च करके भी वह बहुत – सा अन्न बचा लेता था। थोड़े दिनों में रामप्रसाद धनी हो गया।

जब भैरोमल बहुत गरीब हो गया, उसके ऊपर महाजनों का ऋण हो गया तो उसे अपने खेत बेचने की आवश्यकता जान पड़ी । यह समाचार पाकर रामप्रसाद उसके पास आया और बोला- ‘ मैंने सुना है कि आप अपने खेत बेचना चाहते हैं । कृपा करके आप मेरे हाथ अपने खेत बेचें । मैं दूसरों से कम मूल्य नहीं दूँगा ।

भैरोमल ने आश्चर्य से पूछा- ‘ भाई रामप्रसाद ! मेरे पास इतने खेत थे, फिर भी मैं ऋणी हो गया हूँ, किंतु तुम्हारे पास धन कहाँ से आ गया है ? तुम तो मेरे ही थोड़े – से खेत लेकर खेती करते हो। उन खेतों की लगान भी तुम्हें देनी पड़ती है और घर का भी काम चलाना पड़ता है। मेरे खेत खरीदने के लिये तुम्हें रुपये किसने दिये ? 

रामप्रसाद ने कहा -‘मुझे रुपये किसी ने नहीं दिये। रुपये तो मैंने खेतों की उपज से ही बचाकर इकट्ठे किये हैं। आपकी खेती और मेरी खेती में एक अन्तर है। आप नौकरों – मजदूरों आदि सबसे काम करने के लिये ‘ जाओ – जाओ ‘ कहते हैं, इससे आपकी सम्पत्ति भी चली गयी। मैं मजदूरों और नौकरों से पहले काम करने को तैयार होकर उन्हें अपने साथ काम करने के लिये सदा ‘ आओ ‘ कहकर बुलाता हूँ । इससे मेरे यहाँ सम्पत्ति आती है। ‘ Mehnat ka Phal in Hindi 

अब भैरोमल ठीक बात समझ गया। उसने थोड़े – से खेत रामप्रसाद के हाथ बेचकर अपना ऋण चुका दिया और बाकी खेतों में परिश्रम पूर्वक खेती करने लगा। थोड़े ही दिनों में उसकी दशा सुधर गयी। वह फिर सुखी और सम्पन्न हो गया।

शिक्षा : मेहनत करने वाला हर व्यक्ति जीवन में सफल होता है, उसे समय लगता है किन्तु एक दिन वह अवश्य ही सफल होता है। Mehnat ka Phal in Hindi 

 

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