दोस्तों कहते है की मदद और उपकार से आप इन्सान तो क्या किसी जानवर का भी दिल जीत सकते है और उसे अपना एक दोस्त बना सकते है। आज की हमारी कहानी भी कुछ ऐसी ही है जिसमे एक व्यक्ति जो की एक दास या कहे नौकर था अपने देश से भाग निकला और जंगल में एक शेर की मदद करता है बदले में शेर उसे जीवन दान देता है। तो आज की हमारी कहानी का शीर्षक है Kar Bhala To Ho Bhala शेर और एंड्रोक्लीज की दोस्ती की कहानी तो चलिए कहानी को विस्तार से जानते है:-
Kar Bhala To Ho Bhala – शेर और एंड्रोक्लीज की दोस्ती की कहानी
प्राचीन काल में रोम में दास प्रथा थी। कोई भी प्रतापी राजा जब किसी देश पर हमला कर उस देश को जीत लेता था, तब उस देश के लोग उस राजा के गुलाम कहलाते थे। तथा प्राय: उन्हें बाजार में बेच दिया जाता था। ऐसा ही एक दास था जो हेरोफियस नाम के राजा का गुलाम था।
हेरोफियस बहुत ही दुष्ट और निर्दयी राजा था। वह एंड्रोक्लीज से कठिन परिश्रम कराता था। वह उसे भरपेट भोजन भी नहीं देता था, तथा काम में तनिक सी भी कमी रह जाने पर कठोर दंड देता था।
एक दिन मौका मिलने पर एंड्रोक्लीज उसकी कैद से भाग निकला। तभी किसी तरह से हेरोफियस को उसके भाग जाने का समाचार मिल गया। उसने अपने आदमियों को एंड्रोक्लीज का पीछा करने भेजा। घोड़ों की टापू की आवाजों से घबराकर वह जंगल की ओर भाग निकला।
Kar Bhala To Ho Bhala आगे घना अंधेरा था पीछा करने वाले लौट गए, भागते भागते थक कर बेदम हुआ एंड्रोक्लीज आंखें बंद कर एक पेड़ के सहारे पीठ को टीका कर बैठ गया। थोड़ी ही देर बाद उसे गुर्राने की आवाज सुनाई दी, जैसे ही उसने अपनी आंखें खोली उसके होश उड़ गए, उससे कुछ ही दूरी पर उसे एक शेर दिखाई दिया।
लेकिन उसे शेर को देख कर बड़ा आश्चर्य हुआ कि उसे देखकर भी शेर ने आगे बढ़कर उस पर हमला नहीं किया बल्कि वह बार-बार अपने आगे के पंजे को उठाकर चाट रहा था और दर्द से कराह रहा था। थोड़ी देर तक एंड्रोक्लीज उसे देखता रहा, आखिरकार उससे रहा न गया वह साहस करके आगे बढ़ा और शेर के पास जा पहुंचा।
उसे देखकर भी शेर बैठा रहा और कराहता रहा। एंड्रोक्लीज ने देखा उसके पंजे में एक बड़ा सा कांटा चुभा हुआ था एंड्रोक्लीज ने आगे बढ़कर उसके पैर से कांटा निकाल दिया।
शेर को अब दर्द से आराम मिल चुका था, शेर प्यार से उसके हाथ चाटने लगा। मानो उसके हाथो को चाटकर वह एंड्रोक्लीज का धन्यवाद कर रहा हो। धीरे धीरे दोनों में मित्रता हो गई एंड्रोक्लीज शेर की गुफा में उसके साथ ही रहने लगा। Kar Bhala To Ho Bhala
कुछ दिनों के बाद आखिर फिर हेरोफियस के आदमियों के द्वारा उसे खोज लिया गया और उसे कैद कर दरबार में ले जाया गया। हेरोफियस ने उसे 2 माह तक कठोर कारावास में रखकर एक निश्चित दिन भूखे शेर के सामने डाल देने की सजा दे दी।
उस समय रोम में कानून था कि अपराधी को सारी प्रजा के सामने सजा दी जाती थी। 2 माह के बाद एक खुले मैदान में बहुत सारी भीड़ एकत्रित थी एक बड़े से जाल में एंड्रोक्लीज बंद था।
उसे जंजीरों से जकड़ रखा था। तभी एक पिंजरे में बंद शेर को लाकर उसी जाल के पास छोड़ दिया गया जिसमे एंड्रोक्लीज बंद था। शेर को कई दिन से भूखा रखा गया था, वह भूखा शेर जोर जोर से दहाड़ रहा था।
भयभीत होकर एंड्रोक्लीज ने अपना अंत नजदीक समझ कर अपनी आंखें बंद कर ली और ईश्वर से प्रार्थना करने लगा।अचानक उसने अनुभव किया कि वह शेर उसके पैरों को चाट रहा था। आंखें खोलते ही उसने देखा कि यह तो वही शेर है जिसके पंजे में से उसने कांटा निकाला था।
उसकी आंखों में आंसू भर आए उसने नीचे बैठकर शेर को अपने गले से लगा लिया। इस अद्भुत दृश्य को देखकर सारी भीड़ आश्चर्यचकित हो गई। राजा हेरोफियस भी हैरान रह गया, सारी घटना का पता लगने पर उसने एंड्रोक्लीज को मुक्त कर दिया। Kar Bhala To Ho Bhala शेर और एंड्रोक्लीज दोनों धीरे-धीरे जंगल की ओर चले गए, प्रसन्नता से भरी भीड़ भी जोर जोर से चिल्लाने और तालियां बजाने लगी।
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