Apni Raksha Swaym Kare – अपनी रक्षा स्वयं करे,हिंदी शिक्षाप्रद कहानी

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Apni Raksha Swaym Kare
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दोस्तों कहने को तो हमारे बहुत सारे मित्र और शुभचिंतक होते हिया लेकिन समय पर जो काम आये वही सही और सच्चा दोस्त होता है आज की कहानी Apni Raksha Swaym Kare – अपनी रक्षा स्वयं करे,हिंदी शिक्षाप्रद कहानी भी कुछ इसी सच पर आधारित है ।

जहाँ एक खरगोश अपने सभी दोस्तों से मदद मांगता है लेकिन उसका कोई दोस्त उसकी मदद नही करता आखिर ऐसा क्या हुआ और खरगोश की मदद न की और मदद न करने के पीछे उसके दोस्तों ने क्या कारण, बताता चलिए कहानी को विस्तार से जानते है।

Apni Raksha Swaym Kare – अपनी रक्षा स्वयं करे,हिंदी शिक्षाप्रद कहानी

एक किसान के पास एक गाय और एक घोड़ा था । वे दोनों एक साथ जंगल में चरते थे । किसान के पड़ोस में एक धोबी रहता था । धोबी के पास एक गधा और एक बकरी थी । धोबी भी उन्हें उसी जंगल में चरने को छोड़ देता था । एक साथ चरने से चारों पशुओं में मित्रता हो गयी । 

वे साथ ही जंगल में आते और शाम को एक साथ जंगल से चले जाते थे । उस जंगल में एक खरगोश भी रहता था । खरगोश ने चारों पशुओं की मित्रता देखी तो सोचने लगा- ‘ मेरी भी इनसे मित्रता हो जाय तो बड़ा अच्छा हो । Apni Raksha Swaym Kare

इतने बड़े पशुओं से मित्रता होने पर कोई कुत्ता मुझे तंग नहीं कर सकेगा । ‘ खरगोश उन चारों के पास बार – बार आने लगा । वह उनके सामने उछलता , कूदता और उनके साथ ही चरता था । धीरे – धीरे चारों के साथ उसकी मित्रता हो गयी। अब खरगोश बड़ा प्रसन्न हुआ । उसने समझा कि कुत्तों का भय दूर हो गया । 

एक दिन एक कुत्ता उस जंगल में आया और खरगोश के पीछे दौड़ा ।

खरगोश भागा – भागा गाय के पास गया और बोला- ‘ गो माता ! यह कुत्ता बहुत दुष्ट है । यह मुझे मारने आया है । तुम इसे अपनी सींगों से मारो । ‘ गायने कहा- ‘ भाई खरगोश ! तुम बहुत देरी से आये । मेरे घर लौटने का समय हो गया है । मेरा बछड़ा भूखा होगा और बार – बार मुझे पुकारता होगा । मुझे घर जाने की जल्दी है । तुम घोड़े के पास जाओ । 

खरगोश दौड़ता हुआ घोड़े के पास गया और बोला- ‘ भाई घोड़े ! मैं तुम्हारा मित्र हूँ । हम दोनों साथ ही यहाँ चरते हैं । आज यह दुष्ट कुत्ता मेरे पीछे पड़ा है । तुम मुझे पीठपर बैठा कर दूर ले चलो । Apni Raksha Swaym Kare घोड़े ने कहा- ‘ तुम्हारी बात तो ठीक है , किंतु मुझे बैठना आता नहीं । मैं तो खड़े – खड़े ही सोता हूँ ।

तुम मेरी पीठ पर चढ़ोगे कैसे ? आजकल मेरे सुम बढ़ गये हैं। मैं न तो तेज दौड़ सकता हूँ और न पैर फटकार सकता हूँ । एक काम करो तुम गधे के पास जाओ वह अवश्य ही तुम्हारी मदद करेगा।

खरगोश घोड़े के पास से निराश होकर खरगोश गधे के पास गया । उसने गधे से कहा- ‘ मित्र गधे ! तुम इस पाजी कुत्ते पर एक दुलत्ती झाड़ दो तो मेरे प्राण बच जायँ । 

गधा बोला- ‘ मैं नित्य गाय और घोड़े के साथ घर लौटता हूँ । वे दोनों जा रहे हैं । यदि मैं उनके साथ न जाकर पीछे रह जाऊँ तो मेरा स्वामी धोबी डंडा लेकर दौड़ा आयेगा और पीटते – पीटते मेरा कचूमर निकाल देगा । मैं अब यहाँ ठहर नहीं सकता । तुम ऐसा करो कि तुम बकरी के पास जाओ। Apni Raksha Swaym Kare

अन्त में खरगोश बकरी के पास गया । बकरी ने उसे देखते ही कहा- ‘ खरगोश भाई ! कृपा करके इधर मत आओ । तुम्हारे पीछे कुत्ता दौड़ता चला आ रहा है । मैं उससे बहुत डरती हूँ । बकरी के इस जवाब को सुनकर खरगोश निराश हो गया और निराश होकर खरगोश वहाँ से भागा ।

भागते – भागते वह जाकर एक झाड़ी में छिप गया । कुत्ते ने बहुत ढूँढ़ा ; किंतु उसे खरगोश का पता नहीं मिला । जब कुत्ता लौट गया , तब खरगोश झाड़ी में से निकला । उसने चारों ओर देखा और संतोष की साँस ली , फिर वह बोला – ‘ दूसरों का भरोसा करना सदा धोखा देता है । हमे अपनी सहायता अपने आप ही करनी चाहिये । 

शिक्षा : हमे कभी भी किसी पर भी अँधा विश्वास नहीं करना चाहिए और न ही कभी किसी से मदद की आशा रखनी चाहिए हमे सदैव अपनी सहायता स्वयं ही करनी चाहिए।  Apni Raksha Swaym Kare

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