दोस्तों जीवन में कई बार कुछ ऐसी परिस्थितियां आ जाती है जब हम बिना सोचे समझे कुछ ऐसा कर देते है जो हमें नही करना चाहिए या कहे कभी कभी हमारा आँखों देखा भी सच नही होता है कुछ इसी सीख पर आज की हमारी कहानी का शीर्षक भी यही है Aankho Dekha Sach Nahi Hota तो चलिए कहानी को विस्तार से जान लेते है :-
Aankho Dekha Sach Nahi Hota – आँखों देखा सच नही होता
एक नगर में बढ़ई रहता था वह एक कुशल कारीगर था उसके हाथों से बनाये गए सभी सामान की लोग बहुत प्रशंसा करते थे। वह अपनी कारीगिरी के लिए बहुत मशहूर था।
लोग उससे मेज, कुर्सी और अन्य सभी लकड़ी से बनने वाली वस्तुओं को बनवाने के लिए उसके पास आते थे वह अपने कार्य को बड़ी ही लग्न और मेहनत से करता था। कभी कभी कार्य के सिलसिले से वह नगर के बाहर भी जाता था।
एक दिन नगर के सेठ का नौकर बढ़ई के पास आया और बोला- “आपके कार्य को देखकर सेठ जी ने आपको बुलाया है उन्हें आपसे बहुत से कार्य करवाने है जिसके बदले में आपको मुँह मांगी कीमत भी मिलेगी।” Aankho Dekha Sach Nahi Hota
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नौकर की बात सुनकर बढ़ई बहुत खुश हुआ और उस नौकर से कहा- “भाई तुम चलो में अभी आता हूँ।”
बढ़ई ने अपनी पत्नी को बुलाकर कहा- ” देखो मै नगर के सेठ के यहां काम के चलते जा रहा हूँ पीछे कोई आये तो उसे बता देना कि मैं बाद में मिलूंगा” और यह कहकर वह चला गया।
बढ़ई की पत्नी अपने घर के कार्य मे लग गई। बढ़ई का एक पुत्र भी था जो अभी 1 वर्ष का था और उसने एक नेवला भी पाला था।
बढ़ई और बढ़ई की पत्नी नेवले को अपने दूसरे बेटे की तरह रखते थे और उसे भी बहुत प्यार दुलार करते थे।
बढ़ई की पत्नी ने नेवले से कहा- “मैं नदी पर पानी लेने जा रही हूं तुम अपना और छोटू का ख्याल रखना, जवाब में नेवले ने हाँ में सिर हिलाया। Aankho Dekha Sach Nahi Hota
अब बढ़ई का बेटा और नेवला आपस मे खेलने लगे और बढ़ई का बेटा खेलते खेलते वही जमीन पर सो गया और नेवला भी वही जमीन पर ही उसके पास लेट गया।
कुछ देर बाद नेवला अचानक उठा उसे न जाने क्यों आस पास सांप की गंध आ रही थी तभी उसकी नजर दरवाजे पर पड़ी उसने देखा बच्चे की तरफ एक काला और लंबा सांप आ रहा था।
वह फुर्ती से उस सांप पर झपटा और दोनों के बीच काफी गहरी लड़ाई होने लगी लड़ाई इस कदर बढ़ गई के नेवले ने सांप के टुकड़े टुकड़े कर दिए और बच्चे के पास बैठ गया।
जब बढ़ई की पत्नी पानी लेकर आई तो उसके आने की आहट से नेवला समझ गया कोई आ रहा है और वह दौड़कर बाहर आंगन में गया।
नेवला तेजी से बाहर भागा और नेवले को तेजी से आते देख बढ़ई की पत्नी अचरज में पड़ गई और जब उसने नेवले के मुंह मे लगे खून को देखा तो उसने सोचा शायद इस जानवर ने मेरे बच्चे को मार डाला। Aankho Dekha Sach Nahi Hota
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उसने गुस्से में पानी के मटके को नेवले को ऊपर ही फेक दिया। बेचारा नेवला मटके के नीचे दबकर वही मर गया।
बढ़ई की पत्नी दौड़कर अंदर गयी, उसने देखा अंदर चारो तरह खून ही खून हुआ है और पास में ही एक लंबा और काला सांप मरा पड़ा है और उसका बच्चा पास में ही आराम से सो रहा है।
बढ़ई की पत्नी को अपनी गलती का एहसास हुआ और तभी वह तुरंत बाहर भागी और जाकर नेवले को अपने हाथों में उठाया लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी नेवला मर चुका था।
नेवले को अपने हाथों में लेकर बढ़ई की पत्नी बहुत रोई लेकिन अब सब खत्म हो चुका था। इसलिये कहते है कभी कभी अपनी आंखों का देखा भी सच नही होता। Aankho Dekha Sach Nahi Hota
तो आशा करता हूँ आज की यह कहानी आपको जरुर पसंद आई होगी क्योकि आज की हमारी कहानी का शीर्षक था Aankho Dekha Sach Nahi Hota तो आप भी हमेशा ही अपनी आँखों देखे पर विश्वास न करे |
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