दोस्तों कहते है की एक ऐसा जानवर है जो समझदारी का भी काम करे फिर भी उसे गधा ही कहा जायेगा और वह जानवर है स्वयं गधा और आज मैं आपको एक नही बल्कि 2 Gadhho ki Kahani in Hindi – दो गधो की रोचक कहानी के बारे में बताने हा रहा हूँ।
आज की कहानी में एक व्यक्ति के पास दो गधे होते है और वह उन गधो से ही अपने कार्य को करता था लेकिन एक गधा मर जाता है कारण क्या है वह कहानी में जानते है और तभी से कहानी में कुछ रोचक मोड़ आता है चलिए कहानी को विस्तार से जानते है कि पूरी कहानी क्या है?
2 Gadhho ki Kahani in Hindi – दो गधो की रोचक कहानी
एक व्यापारी के पास दो गधे थे । वह उन पर सामान लाद कर पहाड़ों पर बसे गाँव में ले जाकर बेचा करता था । एक बार उनमें से एक गधा कुछ बीमार हो गया । व्यापारी को पता नहीं था कि उसका एक गधा बीमार हो चुका है ।
असल में पिछले दिनों हुई बारिश में वह भीग गया था और मौसम में हुए बदलाव के कारण उसकी तबियत खराब होती चली गयी । 2 Gadhho ki Kahani in Hindi
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एक दिन वह व्यापारी उन दोनों गधो को लेकर गाँव में नमक , गुड़ , दाल , चावल आदि बेचने के लिये ले जाने वाला था । उसने दोनों गधो पर बराबर – बराबर सामान लाद लिया और चल पड़ा ।
ऊँचे – नीचे पहाड़ी रास्ते पर चलने में बीमार गधे को बहुत कष्ट होने लगा । बीमारी की दशा में वह चलने में असमर्थ था लेकिन उसकी हालत के बारे में व्यापारी को नहीं पता था कि गधा बीमार है ।
पहले गधे ने अपने साथी दूसरे गधे से कहा- ‘पिछले कुछ दिनों से मेरी तबीयत ठीक नहीं है। क्या तुम मेरी कुछ मदद कर सकते हो?
2 Gadhho ki Kahani in Hindi साथी गधे ने कहा- ‘भला मैं तुम्हारी क्या मदद कर सकता हूँ मैं भी तुम्हारी तरह ही एक ही जगह बंधा रहता हूँ और मैं तुम्हारी क्या मदद करूँ?
पहले गधे ने कहा – ‘मैं अपनी पीठ पर रखा एक बोरा गिरा देता हूँ , तुम यहीं खड़े रहो । हमारा स्वामी वह बोरा तुम्हारे ऊपर रख देगा । मेरा भार कुछ कम हो जायगा तो मैं तुम्हारे साथ चला चलूँगा ।‘ तुम आगे चले जाओगे तो गिरा बोरा फिर मेरी पीठ पर रखा जायगा । ‘
दूसरा गधे बोला- ‘ भला मैं तुम्हारा भार ढोने के लिये क्यों खड़ा रहूँ ? मेरी पीठ पर क्या कम भार लदा है ? मैं अपने हिस्से का ही भार ढोऊँगा ।
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‘ बीमार गधा चुप हो गया । लेकिन धीरे धीरे उसकी तबीयत अधिक खराब हो रही थी । चलते समय एक पत्थर के टुकड़े से ठोकर खाकर वह गिर पड़ा और लुढ़कता हुआ पहाड़ से नीचे खाई में गिर गया । 2 Gadhho ki Kahani in Hindi
व्यापारी अपने एक गधे के मर जाने से बहुत दुखी हुआ और रोने लगा । वह थोड़ी देर वहाँ खड़ा रहा । फिर उसने उस पहले गधे के गिरे हुए बोरे भी दूसरे गधे की पीठ पर लाद दिये।
अब तो वह पहला गधा पछताने लगा और मन – ही – मन कहने लगा- ‘ यदि मैं अपने साथी का कहना मानकर उसका एक बोरा ले लेता तो यह सब भार मुझे क्यों ढोना पड़ता । ‘ संकट में पड़े अपने साथी की जो सहायता नहीं करते उन्हें पीछे पछताना ही पड़ता है। 2 Gadhho ki Kahani in Hindi